कलमगार लोग से गोहार

माईभाषा के सम्बन्ध जनम देवे वाली माई आ मातृभूमि से बामाईभाषा त अथाह समुद्र बाओके समझल बहुत आसान काम नइखे । भोजपुरिया क्षेत्र के लोग बर्तमान में रोजी रोटी कमाए खातिर आ अपना भविष्य के सइहारे खाति अपनी माँटी आ अपनी भाषा से दूर होत चल जाताओहि दूरी के कम करे के प्रयास ह “सिरिजन” । जय भोजपुरी–जय भोजपुरियाआपन माँटी –आपन थाती के बचावे में प्रयासरत बिया इहे प्रयास के एगो कड़ी बा “सिरिजन” । भोजपुरी भाषा के लिखे आ पढ़े के प्रेरित करे खातिर एह ई–पत्रिका के नेंव रखाइल । “सिरिजन” पत्रिका रउवा सभे के बाहर भोजपुरी बोले वाला के बा आ ओकरे खातिर बा जेकरा हियरा में माईभासा बसल बिया । ई रउरे पत्रिका हउठाईं लेखनी,जवन रउरा मन में बा लिख डालीऊ कवनो बिध होखे कविताकहानीलेखसंस्मरणभा गीत गजलहाइकूब्यंग्य आ भेज दिहीं “सिरिजन” के ।

रचना भेजे के पहिले के कुछ जरूरी तत्व प धियान देवे के निहोरा बा :

  1. आपन मौलिक रचना यूनिकोड/कृतिदेव/मंगल फॉण्ट में ही टाइप क के भेजी । फोटो भा पाण्डुलिपि स्वीकार ना कइल जाई ।
  2. रचना भेजे से पहिले कम से कम एक बार जरूर पढ़ी । कौमा, हलन्त, पूर्णबीराम प बिशेष धियान दी । लाइन के समाप्ति प डॉट के जगहा पूर्णबीराम राखी ।
  3. एकर बिशेष धियान राखी की राउर रचना से केहू के धार्मिक, समाजिक, ब्यक्तिगत भावना के ठेस ना पहुंचो । असंसदीय, फूहड़ भाषा के प्रयोग परतोख में भी न दियाव एकर बिशेष धियान देवे के निहोरा बा ।
  4. राउर भेजल रचना सम्पादक मंडल के द्वारा स्वीकृत हो जा तिया त ओकर सुचना मेल भा मैसेज से दियाई ।
  5. आपन एगो छोट फोटो परिचय जइसे नाम, मूल निवास, बर्तमान निवास, पेशा, आपन प्रकाशित रचना भा किताबन के बारे ये यदि कवनो होखे त बिवरण जरूर भेजी ।
  6. रचना भा कवनो सुझाव अगर होखे त रउवा ईमेल – sirijanbhojpuri@gmail.com प जरूर भेजी ।