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रेंड़ी के तेल

मन के अँतरे कोने में दबल लालसा कइसन-कइसन गुल खिलावेला? एह बात के अहसास तेकरे होई जे एह मरज के मरीज रहल होखे। ...

मदिरा सवैया छंद ( भोजपुरी )

जीवन बीतत जात पिया, असरा लिहले मनवाँ तरसे । भीजत बा अरमान सभे, बदरा बनिके अँखिया बरसे । धूमिल रंग हमार भयो, सब तेज गयो लिलरा...

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भोजपुरी कविता