Tag: महेन्द्र पान्डेय क कुल्हिये रचना पढ़े खातिर क्लिक करीं

एगो गुमनाम चिठ्ठी

पता त ठीक बा, लेकिन चिट्ठी गुमनाम आईल बा । ई चिट्ठी पढी के लागत बा कोई कोहराम आईल बा ।। लिखल...

मदिरा सवैया छंद ( भोजपुरी )

जीवन बीतत जात पिया, असरा लिहले मनवाँ तरसे । भीजत बा अरमान सभे, बदरा बनिके अँखिया बरसे । धूमिल रंग हमार भयो, सब तेज गयो लिलरा...

लोकप्रिय रचना

सोशल चैनल से जुडी

0FansLike
0SubscribersSubscribe

भोजपुरी कविता