भोजपुरी मुहावरे

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भोजपुरी मुहावरे
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देखऽहई बकुला भगत होइ गइलें।
केहू नाहीं जाने घर केतना ई खइलें।।

मोट गुने मतवां आ गाल गुने महतिनि।
सात मूस खाइके बिलारि मिली भगतिनि।।

दूनूं हाथे लड्डू बाकी मुंह बा कराह में।
टुक्का रोटी गिरि गइल संवसे के चाह में।।

ऊंचा बा दोकानि बाकी फीक पकवान बा।
पोथी बांटे झोरा में आ पोथिये में ज्ञान बा।।

केहू दाढ़ी,नाक केहू पूरा मुंह बोले।
काहें तूं किनारे बइठल बाड़ऽ मुंह मोरले।।

जेठ भइलें हेठ बइसाख भइलें ऊपर।
कुकुर बा पुजौटी आ गोसयां बा हूं पर।।

पांच साल पर आइल बाड़ें उहे कथा बंचिहें।
ना नौ मन तेल होई न राधा आके नचिहें।।

नाच नाहीं आवे तऽ अंगनवे बा पेड़।
रोज-रोज खेतवा चरेला अब मेंड़।।

संवसे सरेह ऊ बोवावेलें पोदीना।
कबो जालें काशी अउरी कबो ऊ मदीना।।

केतना ले कहीं ई ओराई ना कहानी।
जेसी सुनी ओकरां ईयादि आई नानी।।


मदनमोहन पाण्डेय,
कुशीनगर।