अष्टमी सुमंगल दायक सब विधि लायक अरु सुखदायक हे।
सखी हे गोकुला में बाजेला बधाव जनमे जग नायक हे।।
निरखी कंस के कारा में कन्हाई हरखे देवकी माई नु हे।
बंद कारागृह के ताला टूट जाई प्रहरी मुरूछाई नु हे।
कोटि सुरजन सुमन बरसाई लगै आनंद दायक हे।
सखी हे गोकुला में••••••••।।
वसुदेव कर जोरि करे विनिताई देव जुगुति बताई नु हे।
अपना ललना के कइसे बचाईं कि मामावा कसाई नु हे।
देखी हरखे सुर मंडल लागै प्रीति दायक हे
सखी हे गोकुला में•••••••।।
लेई के कान्हा के गोद में उठाई चले हरखाई नु हे।
भादो की अन्हरिया है छाई अरु जल बरसाई नु हे।
आहे उफनत फफनत यमुना
लागेली भयानक हे।
सखी हे गोकुला•••••••••••।।
अमरेन्द्र//आरा