व्यंग
हाय !
माइ डियर लवली सो एण्ड सो ।
हर्टली काॅन्ग्रुच्यूलेशन ऑन सरस्वती पूजा।
आजु मिनर्वा (Minerva ) डे ह ।
मिनर्वा डे आई मीन सरस्वती पूजा।
हम एकर इंपोर्टेस बता रहल बानीं।
ई फेस्टिवल इवरी इयर जनवरी के लास्ट में चाहे फरवरी में आवेला। एह के स्प्रिंग, द किंग ऑफ सीजन्स के तेवहार के नाम से जानल जाला।
सरस्वती मीन्स गाॅडेस ऑफ नाॅलेज , आर्ट, म्यूजिक , सांग की देवी।
रीयली ई फैन्टास्टिक इवेंट ह। स्कूल्स, काॅलेज्स, यूनिवर्सिटिज, स्टडी सेन्टर्स में पुराना जबाना में ई डिवोसनल मोड में डिवोटी, हर्ट एण्ड सूल से एह के सिलेब्रेट करत रहलनि। बाकिर ग्लोबलाइजेशन के चलते आजु ई बस स्टैण्ड , रिक्शा स्टैण्ड , टेम्पू स्टैण्ड , क्लब आ चौक – चौराहा प मनावल जा रहल बा।
समय के साथ साथ मेन्टालिटी में, फॅर्मालिटी, प्यूरिटी में आ क्रियेटिविटी में ग्रास रूट लेवेल तक चेन्जिंग आइल । धोती – कुर्तावालू पंडीजी आ भगतगण दूनो जने गते गते जीन्स क्लैड हो गइलन, अंगवछी के नया अवतार हैंकी आ गइल। अउर अउर त पंडीजी गूगल बाबा के हेल्प से मंत्र चाटिग करत बानीं, स्टुडेन्ट्स क्रोम से आरती गावत बानीं। माने कि कृपा बरिस रहल बा। क्लचरल प्रोग्राम पहिले जस नीरस ना रहल। ब्रेक डांस, पाॅप, राॅग, निरहू, खेसारी, पवन•••• सो मेनी आइटम्स ऑफ डिफरेन्ट टेस्ट्स । काॅन्वेंटिया विद्यार्थी, कवलेजिहा लइका – लइका डीजे के भुकभुकिया लाइट एन्ड साउन्ड प थिरकत बारन। जैकारा लागत बा:-
गाॅडेस शारदा की जय हो।
मदर सरस्वती की जय हो।
मूर्ति भसान अब आइडोल इमर्शन हो गइल। ट्रक, बस, रश, वाइन, जुलूस, डिस्को——।।
अमरेन्द्र कुमार सिंह,
आरा, भोजपुर, बिहार।