झंडा तिरंगा पहचान बा,
देशवा के हमरा इहे शान बा।
एकरा खातिर केतना भइल कुर्बानी,
खून बहल जइसे बहेला पानी
अब त हमार इहे जान बा…
देशवा के हमरा इहे शान बा।
कोख उजड़ गइल मांग भइल सूना,
माई रोवस कहाँ गइल मुन्ना
तिरिया के खुलत ना जुबान बा…
देशवा के हमरा इहे शान बा।
आजादी के जब चलल रहे आँधी,
अहिंसावादी रहले तब गाँधी
शहीदन के नमन सम्मान बा…
देशवा के हमरा इहे शान बा।
जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया
✍ दीपक तिवारी, श्रीकरपुर, सिवान।