जेने देखीं ओनहीं तबाही बाटे दुनियाँ में
पाप के कमाई लोग लीलतारे सान से।
रामजी के नाम लेके कामना कपार धर
सब्दजाल फेंक फेंक मिलतारे सान से।
ले लऽ बाबू रामदाना लड्डू लहालोट लागे
संखिआ सुभाव फूल खिलतारे सान से।
सत के सिपाही सोझा आवे में सरम करे
पनही खदोर रोज हिलतारे सान से ।।
✍️कन्हैया प्रसाद रसिक
बंगलोर।