विद्या के दानी
सौम्या सुनासा भगवती हे-
माई विद्या के दानी।।
पंकज के आसन धवल रंग सारी।
हाथे में बीणा अ हंसा सवारी।
तीब्रा बाराही विनिद्रा हे-
माई भौमा भवानी।।
माई गोविन्दा रमा महाभद्रा।
ब्राह्मी चामुण्डा सावित्री सुभद्रा।
अम्मा रमा ज्ञानमुद्रा हे-
मालिनी महारानी।।
कांता श्वेतानन शिवा महापाशा।
गंगा काबेरी नरमदा विपाशा।
शिवानुजा महाकारा हे-
भोगदा कल्यानी।।
दुखिया दुखारी प मइया सहइया।
मइयाजी कविता कहानी रचइया।
विश्वा सुरासुरपुजिता हे-
देली गूंगन के बानी।।
अमरेन्द्र कुमार सिंह,
आरा, भोजपुर, बिहार।