तीर घवाहिल कर दिहलस
ललटेनियो त फुटलहिए बा।
कवनो दल में बल नइखे
सबसे नीमन निरदलिए बा।।
कस बल हाथ के ढील भइल
हाथी उलटल मुहकुड़िए बा।
कवनो दल में बल नइखे
सबसे नीमन निरदलिए बा।।
डैना टूटल घड़ी बन्द बा
साइकिल पंचर पहिए बा।
कवनो दल में बल नइखे
सबसे नीमन निरदलिए बा।।
बँगला भइल भूत के डेरा
कमल बिना डंठलिए बा।
कवनो दल में बल नइखे
सबसे नीमन निरदलिए बा।।
खिया के झाड़ू ठूँठ भइल
हँसुआ मुरकल भोंथरहिए बा।
कवनो दल में बल नइखे
सबसे नीमन निरदलिए बा।।
✍️अरविन्द श्रीवास्तव
एकमा, सारण ( बिहार )